धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का Rajendra Prasad Singh Tuesday, August 6, 2019, 04:57 PM धोबी का कुत्ता न घर का न घाट का! कुत्ता का संदर्भ गलत है। धोबी का कुतका न घर का न घाट का! कुतका का संदर्भ सही है। कुतका का अर्थ मोटा और छोटा डंडा, आप जिसे सोंटा या मुँगरा कह सकते हैं। कुतका का इस्तेमाल धोबी कपड़े को धोने, पीटने आदि में किया करते थे। वे कुतका को कपड़ा धोने के बाद न घर ले जाते थे और न घाट पर छोड़ते थे बल्कि रास्ते की झाड़ी आदि में छिपा दिया करते थे। इसीलिए कुतका न घर का न घाट का होता था। कुतका ( कुत्कः ) मूल रूप से तुर्की का शब्द है, जिसका अर्थ छोटा और मोटा डंडा होता है। मध्यकालीन कवियों ने कुतका का इस्तेमाल अपनी कविताओं में किए हैं। कबीर ने किए हैं। दादू ने किए हैं। इसलिए सही है - धोबी का कुतका न घर का न घाट का! इसका प्रचलन भारत में तुर्कों के आने के बाद शुरू हुआ और कुतका घिसते- घिसते कालांतर में कुत्ता हो गया। Tags : Washerman