स्तूप - कला Rajendra Prasad Singh Monday, August 30, 2021, 08:57 AM अशोक - चक्र ने स्तूप - कला को प्रभावित किया। स्तूप का नाम सुनते ही दिमाग में एक अर्द्ध गोलाकार संरचना की तस्वीर उभरती है। लेकिन रूकिए, हर जगह का स्तूप अर्द्ध गोलाकार नहीं है। एक स्तूप धम्म चक्क के आकार का है, जिसमें आठ आरे बने हुए हैं। धम्म चक्क में भी 8 आरे हैं। एक दूसरे स्तूप में आरों की संख्या क्रमशः 12, 24 और 32 है। बीच की संख्या अशोक - चक्र की याद दिलाती है। अशोक - चक्र में भी 24 आरे हैं। ऐसे स्तूप पंजाब के जिला फतेहगढ़ साहिब के गाँव संघोल में मिले हैं। कभी संघोल में भिक्षु संघ था। इसीलिए इसका नाम संघोल है। स्तूप की खुदाई 1968 में हुई थी। स्तूप से एक सोप पत्थर की मंजूषा मिली है। मंजूषा के ढक्कन पर खरोष्ठी लिपि में एक बौद्ध स्काॅलर का नाम लिखा है। वह स्काॅलर भद्रक थे। उन्हीं का अस्थि - भस्म उस मंजूषा में है। Tags : middle respectively number Dhamma Chakra semi-circular stupa