imagesimagesimagesimages
Home >> इतिहास >> सम्राट अशोक ही बोधिसत्व अवलोकितेश्वर है

सम्राट अशोक ही बोधिसत्व अवलोकितेश्वर है

Pratap Chatse

Friday, February 11, 2022, 10:50 AM
ashok samrat

सम्राट अशोक ही "बोधिसत्व अवलोकितेश्वर" है|

सम्राट अशोक पर मेरा किताब लिखना चालू है, और इस दरमियान सम्राट अशोक के बारे में अनेक चकित करनेवाली बातें सामने आ रहीं हैं|

तथागत बुद्ध का धम्म एक कल्याणकारी धम्म है, जिससे प्रभावित होकर सम्राट अशोक ने कल्याणकारी योजनाओं को अपने साम्राज्य के अंदर और दुनिया के अन्य सभी देशों में अमल में लाया था| इसलिए, सम्राट अशोक अपने दुसरे स्तंभ अभिलेख में (Pillar Edict, II में) यह कहतें है कि, मैंने बहुजनों के कल्याण के लिए अनेक कल्याणकारी कार्य पूर्ण कर दिए हैं| (मे बहुनि कयानानि कतानि, Pillar edict II)|

इस तरह के कल्याणकारी कार्य करने का काम बोधिसत्व करते हैं ऐसा बौद्ध साहित्य में बताया गया है| इसलिए, महासुतोसम जातक (जातक कथा क्रमांक 437) में बोधिसत्व यह घोषित करता है कि, "कता में कल्याणा अनेकरुपा" अर्थात विभिन्न रुप लेकर मैं लोगों का कल्याण करना चाहता हूं| सम्राट अशोक ने धम्ममहामात्र, युक्त, रज्जुक जैसे विभिन्न अधिकारी नियुक्त कर लोगों के कल्याण के लिए काम कर दिया था|

इससे स्पष्ट होता है कि, सम्राट अशोक से प्रेरित होकर बौद्ध साहित्य में कल्याणकारी बोधिसत्व संकल्पना का निर्माण हो रहा था| सम्राट अशोक जिस तरह पाटलिपुत्र में रहते हुए संपुर्ण जम्बूद्वीप पर अपनी नजर इन अधिकारियों के माध्यम से रखते थे, उसी तरह बोधिसत्व अवलोकितेश्वर भी आकाश में रहते हुए अपनी नजरें पृथ्वी पर लगाए रहते है और पिडितों की मदद करतें हैं| इस तरह, सम्राट अशोक को ही बाद में बोधिसत्व अवलोकितेश्वर समझा जाने लगा था|

बोधिसत्व अवलोकितेश्वर को दुनिया का ईश्वर अर्थात भगवान, God वगैरह समझा जाता था| सम्राट अशोक ने ग्रीक, सिरिया, इजिप्ट, मध्य आशिया में भेजें हुए धम्मप्रचारक महामात्रों को ही बाद में प्रोफेट, मसिहा, देवदूत, पैगम्बर वगैरह कहा जाने लगा था| सम्राट अशोक के धम्मदूत महादेव को ही दक्षिण भारत में हर हर महादेव के रूप में पुजा जाने लगा था| इस प्रकार, सम्राट अशोक का धम्मराज्य बाद में दुनिया का स्वर्ग समझा जाने लगा था, सम्राट अशोक को उस स्वर्ग का ईश्वर या बोधिसत्व अवलोकितेश्वर समझा जाने लगा था और अशोक के धम्मदूतों को ईश्वर के दूत अर्थात मसिहा समझा जाने लगा था|

इस तरह, सम्राट अशोक का जीवन चरित्र बहुत ही चकित कर देनेवाला है, जिसे सामने लाने का हम प्रयास कर रहे हैं|

-- डा. प्रताप चाटसे, बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क





Tags : implemented welfare schemes within his empire influenced by which Emperor Ashoka The Dhamma of Tathagata Buddha