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मध्य काल के इतिहास में एक नया आयाम

Rajendra Prasad Singh

Thursday, July 22, 2021, 12:08 PM
Pipnavada

गौतम बुद्ध की यह मूर्ति और उस पर लिखे अभिलेख को मध्य प्रदेश से मूर्ति अशोकनगर से 9 किमी दूर ग्राम पिपनावदा में मिली है। यह अभिलेखांकित मूर्ति तब मिली, जब जगदीश भंडारी के खेत में बुआई का काम हो रहा था।

आप भी इस अभिलेख को पढ़ सकते हैं। यह नागरी लिपि में है। अभिलेख के पहले लाल गोले में सिद्धि लिखा हुआ है और दूसरे लाल गोले में 1360 साके लिखा है। आप इसे बड़ा करके पढ़िए।

1360 साके का मतलब 1438 ई. । अर्थात 15 वीं सदी का दिल्ली सल्तनत।

अभी तक दिल्ली सल्तनत के इतिहासकारों ने बौद्ध मूर्ति कला को भारत के मध्यकालीन इतिहास में रेखांकित नहीं किया है। इसलिए यह मूर्ति और अभिलेख मध्य काल के इतिहास में एक नया आयाम खोलता है।





Tags : Pipanavada Ashok Nagar Madhya Pradesh inscription Gautam Buddha