मुअन जो दड़ो के पास बुद्ध की एक गूंज Rajendra Prasad Singh Friday, June 20, 2025, 03:47 PM धमराव की खोज: मुअन जो दड़ो के पास बुद्ध की एक गूंज मुअन जो दड़ो (मोहनजोदड़ो) – सिंधु घाटी की प्राचीनतम सभ्यता का एक जीवित साक्ष्य, जिसने मानव इतिहास को नए सिरे से परिभाषित किया। और अब, इसी स्थल से महज़ 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित धमराव (या धमराहो) नामक स्थान से टेराकोटा (मृत्तिका) की बनी तथागत बुद्ध की एक मूर्ति की खोज, इतिहास के गर्त में छिपे एक और अध्याय को खोलने जैसा है। मूर्ति का स्वरूप और प्रतीकात्मकता इस मूर्ति में तथागत बुद्ध को ध्यान मुद्रा (ध्यानमग्न अवस्था) में दिखाया गया है। यह टेराकोटा से निर्मित है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि यह मूर्ति संभवतः मौर्य या कुषाण काल की हो सकती है – जब टेराकोटा शिल्पकला अपने चरम पर थी। ध्यान मुद्रा में बैठे बुद्ध की यह प्रतिमा धम्म (धर्म), संघ (संगठन), और विनय (नैतिकता) के आदर्शों को मूर्त रूप देती प्रतीत होती है। धमराव – नाम में छिपा रहस्य अब प्रश्न यह उठता है कि “धमराव कौन था?” — जैसा कि आपने भी पूछा है। यह नाम "धम्म + राव" से बना प्रतीत होता है, जहाँ “धम्म” पाली भाषा में धर्म के लिए प्रयोग होता है और “राव” संभवतः किसी शासक, संरक्षक या बौद्ध अनुयायी की संज्ञा है। यदि इसे ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखा जाए, तो यह नाम किसी बौद्ध संरक्षक शासक, शिक्षक, या स्थानीय बौद्ध विहार प्रमुख का हो सकता है। संभव है कि धमराव एक ऐसा क्षेत्र रहा हो जहाँ बौद्ध भिक्षु विहार करते हों, या यह नाम किसी विख्यात बौद्धाचार्य या संरक्षक का हो जो इस क्षेत्र में धम्म प्रचार में संलग्न रहा हो। इतिहास के पन्नों में एक नई प्रविष्टि यदि यह मूर्ति प्राचीन सिंधु सभ्यता के करीब के क्षेत्र में पाई गई है, तो यह संकेत करती है कि बौद्ध धर्म का प्रभाव उस भूभाग में भी था जहाँ पहले सिंधु सभ्यता फली-फूली थी। यह खोज इस सिद्धांत को भी बल देती है कि बौद्ध धर्म और सिंधु संस्कृति के कुछ सांस्कृतिक तार आपस में जुड़े हो सकते हैं। सांस्कृतिक और पुरातात्त्विक महत्व यह मूर्ति इस क्षेत्र में बौद्ध प्रभाव की पुष्टि करती है। यह खोज प्राचीन मार्गों और तीर्थ स्थलों की पुनर्रचना में सहायक हो सकती है। धमराव जैसे अल्पज्ञात स्थान का इतिहास में एक नया स्थान बन सकता है, जिससे स्थानीय जनजातीय और सांस्कृतिक परंपराओं का बौद्ध धर्म से संबंध खोजा जा सकता है। Tags : history chapter Muanjo Daro Tathagata Buddha discovery