भोन स्तूप महाराष्ट्र Rajendra Prasad Singh Saturday, September 7, 2019, 01:10 PM बात 17 साल पहले की है। साल 2002 में बी. सी. देवतारे ने भोन स्तूप की खोज की थी। बाद के दिनों में उन्होंने " अर्ली हिस्टोरिक कल्चर " नाम से पुस्तिका भी लिखी। भोन स्तूप महाराष्ट्र के जिला बुलढाणा में संग्रामपुर तहसील के अंतर्गत भोन नामक गाँव के पास पूर्णा नदी के किनारे है। इसीलिए इसे भोन स्तूप कहा जाता है। पूर्णा नदी के तट पर अनेक टीले हैं और ये टीले 10-12 हेक्टर्स में फैले हैं। टीला सं. 6 की खुदाई में भोन स्तूप मिला है। भोन स्तूप के बीचों - बीच से जो चारकोल मिले हैं, उनकी उम्र 300 ई. पू. के आसपास है। स्तूप एरिया से बुद्धिज्म के अनेक अवशेष मिले हैं। ताम्र सिक्कों पर बोधिवृक्ष मिला है। टेराकोटा पर त्रिरत्न मिला है। लौह - पत्र के बने पीपल के पत्ते मिले हैं। खुदाई अभी आधी - अधूरी है कि सरकार ने वहाँ डैम बनाने का निर्णय लिया है। डैम बनाने से एक बड़ी विरासत खतरे में आ सकती है। जरूरत इस बात की है कि सरकार अपनी गौरवशाली विरासत को संरक्षित करते हुए कोई कदम उठाए। Tags : why Maharashtra Sangrampur Bhon Stupa