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संत रैदास

Rajendra Prasad Singh

Sunday, March 2, 2025, 12:46 PM
redas

गोस्वामी तुलसीदास ने संत रैदास का नाम कहीं नहीं और कभी नहीं लिया है, लेकिन वे संत रैदास के विचारों से वाकिफ थे.....

संत रैदास ने लिखा:

रैदास बाभन मत पूजिए जो होवे गुन हीन।

पूजिए चरन चंडाल के जो हो गुन परवीन।।

तुलसीदास ने संत रैदास के इस विचार के प्रतिवाद में लिखा:

पूजहि बिप्र सकल गुन हीना।

सुद्र न पूजहु वेद प्रवीना ।।

तुलसीदास ने महान कवि रैदास को जानते हुए भी नोटिस में नहीं लिया कि वे हाईलाईट हो जाएंगे....

लेकिन लाख कोशिश के बाद भी रैदास का व्यक्तित्व दबाया नहीं जा सका...

जयंती पर जय!!!

( कबीर और रैदास की यह पेंटिंग मुगल काल की है। )





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