विक्रमशील Rajendra Prasad Singh Tuesday, July 7, 2020, 11:27 AM भारतीय इतिहास में किसी राजा ने वीरता के कारण " विक्रमादित्य " और किसी ने शील के कारण " शिलादित्य " की उपाधि धारण की..... लेकिन पाल नरेश धर्मपाल ( 770 - 810 ई. ) ने विक्रम और शील की ज्वाइंट उपाधि " विक्रमशील " धारण की... विक्रमशील की इसी उपाधि के कारण उन्होंने " विक्रमशिला बौद्ध विहार " की स्थापना की थी.... निश्चित धर्मपाल वीर भी थे और शीलवान भी थे। तभी तो एक ओर मजूमदार ने उन्हें 100 युद्धों का नायक तो दूसरी ओर तारानाथ ने उन्हें 50 विद्यालयों का संस्थापक बताया है..... अभिलेखों में धर्मपाल को " परम सौगत " कहा गया है.... परम सौगत क्या है? बुद्ध का एक नाम सुगत है... जिस प्रकार बुद्ध से बौद्ध बना, उसी प्रकार सुगत से सौगत बना... इस प्रकार परम सौगत का अर्थ " परम बौद्ध " हुआ.... धर्मपाल परम बौद्ध थे, बड़े उत्साही बौद्ध थे, 40 बरसों तक अकेले पूरबी भारत में धम्म - ध्वज फहराते रहे। प्रो राजेंद्र प्रसाद सिंह। Tags : founder Mazumdar Certain